ईवी बनाम गैसोलीन कार: कौन है पर्यावरण के लिए बेहतर? 

गैसोलीन कारों और इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के बीच तुलना पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण है। दोनों के कार्बन उत्सर्जन में बड़ा अंतर होता है।

गैसोलीन कारें जीवाश्म ईंधन का उपयोग करती हैं, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है। इनके चलते जलवायु परिवर्तन की समस्या गंभीर होती जा रही है।

इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी से चलते हैं और कार्बन उत्सर्जन कम करते हैं। यह पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा कदम है।

हालांकि, EV बैटरियों के निर्माण और बिजली उत्पादन में कार्बन फुटप्रिंट होता है। इसे कम करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग आवश्यक है।

गैसोलीन कारों की तुलना में EVs का लाइफटाइम कार्बन फुटप्रिंट बहुत कम होता है। यह स्थायी भविष्य के लिए बेहतर विकल्प है।

सरकारें इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ा रही हैं। यह EVs को अपनाने में सहायक है।

गैसोलीन कारें तत्काल सुलभ हैं लेकिन EVs के साथ लंबी अवधि में ईंधन और रखरखाव की लागत कम होती है।